Inspirational poem-मुझे चलना है

शीर्षक - मुझे चलना हैं 


जीवन मे कई चुनौती आती है और ऐसे मे कई पथिक अपने पथ से भटक जाते है ऐसे मे लोगो को रुकना नहीं चाहिए बल्कि उस पथ पर चलना चाहिए... शीर्षक - "मुझे चलना है"

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Inspirational poem

हाँ मुझे चलना है

अपनी मंजिल का ध्यान कर,

कुछ करने की ठान कर,

अपने सपनो पर ढलना  है,

यहाँ रोज अब  चलना है,

हाँ मुझे चलना हैं | (1)

Inspirational poem
हाँ मुझे चलना है


रिश्तों को पीछे छोड़ कर,

सारे बंधनो को तोड़ कर,

हर मुश्किल से बाजी लगाकर,

मेहनत से हाथ मिलाकर,

अपने रास्ते पर ध्यान लगाकर,

मुझे अपनी हर चाहत पूरी करना है,

जिंदगी के इस डगर में

हाँ मुझे चलना है| (2)

Inspirational poem
हाँ मुझे चलना है

खेल ये अजीब है,

 कौन किसके करीब है,

राजनीति की बिसाद पर,

पिसता एक गरीब है,

अमीर पैसों से नही दिल से मुझे बनना है,

हाँ मुझे चलना हैं | (3)


मुझे अपने देश के

हर जन के लिए कुछ करना है,

सभी निराशा छोड़ कर ,

कड़ी से कड़ी जोड़कर ,

हाँ मुझे चलना है | (4)


नित प्रति मिलती एक सीख है,

सुनाई देती है सिर्फ गरीब की

मगर वह  चीख है,

दर्द की गहराई को खुशियों से मुझे भरना है,

हाँ मुझे चलना है| (5)


हर मुश्किल के पहाड़ को

अब चीर के निकलना है,

अपने बुरे वक्त को,

ढाल मे बदलना है ,

रोज मुझे चलना है

हाँ मुझे चलना है (6)


दुःख के कई कयास लगते यहाँ रोज है,

 भटकता मन करता रहता कोई खोज है,

कुछ छिपा है -कुछ दबा है,

अपने अंदर एक ओज है,

ध्यान की गहराई से हर व्यक्ति की परछाई से

 निराशा के बीज का करना विरोध है,

बेसब्री को छोड़ के साहस से नाता जोड़ के ,

 अपने अपनो के ख़ातिर ,

मुझे बढ़ना हर रोज है,

मुझे चलना हर रोज है |(7)

Inspirational poem
हाँ मुझे चलना है 

ख़्वाइसे  अनेक है,

 मंजिल तो एक है,

पाना सिर्फ सफलता है ,

 पाने को हर कोई चलता है,

चलने के इसी क्रम का

 विस्तार हर ओर है,

जिंदगी बीती जा रही

 हर ओर यही शोर है,

अपने वक्त की कड़ी को

पकड़ के खड़े रहने पर जोर है,

हर घड़ी मेरा ध्यान

आगे चलते रहने की ओर है(8)
Inspirational poem
हाँ मुझे चलना है 


बेसब्री के इस पल का,

इस समस्या के हल का,

बदलती जिंदगी में प्रति पल का,

बढ़ता जा रहा ये मोल है,

संघर्ष पथ पर अब ढलना है,

हाँ मुझे चलना है |

कठिन शब्दार्थ --

बेसब्री - बिना धैर्य के (without any patiens )
ढलना - बदलना, अनुरूप(change according to)
ख्वाहिश - इक्छा (determination )


-by सूर्यदीप पाण्डेय


Admin आभार - आशा करता हूँ पाठको को ये कविता आपको बहुत ही motivate की होगी|
यह ब्लॉग आपके पसंदगी का पूर्ण ख्याल रखता है ऐसा मैं आपसे आशा रखता हूँ |

धन्यवाद !
                   शुभम तिवारी SORK 

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4 टिप्पणियाँ

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