मुसाफिर पर कविता
Musafir Poem- दोस्तों यह कविता उन लोगो पर आधारित है जो कुछ हासिल करने के लिए निकल चुके है फिर भी लोगो के ताने सुनना उनके लिए मज़बूरी है|वास्तव में एक अच्छा राही वही है जो रास्ते में आई कठनाईयो को मात देकर भी आगे बढ़ता जाता है|
हम तो निकले हैं मुसाफिर बनके यारा,
हमको हम नहीं लोगों के तानों ने मारा ll
जिस राह को पकड़ा वहां भी गम है सारा,
अपनी कश्ती चले जैसे यूं बेसहारा ll
लोगों की नजरों ने समझा यूं गवारा,
गलियों में फिरते हैं जैसे सभी आवारा ll
जिस राज का हमने यहां है लिया सहारा,
उस राज के खातिर ही वह शातिर ने माराll
आखिर छोड़ दिया हमने भी हो सभी सहारा,
जिसने मेरे लिए हि कांटों को संवाराll
We have come out as a traveler
We will not be hit by the taunts of people
The path that is caught there is also sad,
Sara Walk your kayak like this The eyes of the people understood this way,
All wanders in the streets like a wanderer
The secret that we have here is Sahara,
For the sake of that secret,
he killed the vicious person After all,
we also left all support Who decorated the thorns for me
यह भी पढ़े --
4) Poem on coronavirus click here
Admin thanks:- आशा है दोस्तों आप इस ब्लॉग को बेहद पसंद करते होंगे| सदा ही मेरी कोशिश रहती है की मै आगंतुकों के पसंदगी साथ है उनके लिए ज्ञानवर्धक, मोटिवेशन वाले कंटेंट, लेख, कविता लाता रहूँ |
मै इस ब्लॉग में अपना शत प्रतिशत देने का प्रयास करता हूँ फिर भी कोई गलती होती है या आपके मन में कोई बात उठती है तो अपना सुझाव कमेंट बॉक्स में जरूर दें |
यह भी पढ़े --
3) Poem on mother in hindi click here
4) Poem on coronavirus click here
5) Inspirational poem click here
Bahut Acha blog
ردحذفgood job
ردحذفإرسال تعليق
Thanks for comments!
मै समझता हूं आपने हमारे वेबसाईट के अवलोकन में महत्वपर्ण समय देकर हमारे THE SORK परिवार का मनोबल बढ़ाया है।
आपकी बहुमूल्य टिप्पणी टीम रिव्यू के बाद बहुत जल्द पब्लिश कर दी जायेगी।
THE SORK ब्लॉग में टिपपणीकर्ताओं को लेकर एक TELEGRAM में THE SORK GROUP बनाया गया है आप उसे जरूर ज्वॉइन करें।
इस लिंक पर क्लिक करके ग्रुुप में शामिल हों-
https://t.me/the_sork_group
Thanks and regards
The sork team