योग संस्कृत के यज धातु से बना है जिसका अर्थ है संचालित करना, संबंध करना, सम्मिलित करना अथवा जोड़ना, अर्थ के अनुसार विवेचन किया जाए तो शरीर एवं आत्मा का मिलन योग कहलाता है यह भारत के 6 दर्शनों जिन्हें षडदर्शन कहां जाता है में से एक है अन्य दर्शन है- न्याय, वैशेषिक, सांख्य, वेदांत एवं मीमांसा| इसकी उत्पत्ति भारत में लगभग 5000 ई. पूर्व में हुई थी पुरानी पीढ़ी से नई पीढ़ी में हस्तांतरित होती थी लगभग 200 ईसवी पूर्व महर्षि पतंजलि ने योग दर्शन को योगसूत्र नामक ग्रंथ के रूप में लिखित रूप में प्रस्तुत किया| इसलिए महर्षि पतंजलि को "योग का प्रणेता" कहा जाता है| आज बाबा रामदेव योग नामक इस अचूक विद्या का देश विदेश में प्रचार कर रहे हैं|
पहली बार योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी| 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 देशों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया| संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी भी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है| भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गणमान्य लोगों सहित करीब 36000 लोगों ने 21 जून 2015 को नई दिल्ली में पहले अंतरराष्ट्रीय दिवस के लिए 35 मिनट तक योगासन( योग मुद्राओं) का प्रदर्शन किया योग दिवस दुनिया भर में मनाया गया|
राजपथ पर हुए समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड की स्थापना के सबसे बड़ी योग क्लास 35985 लोगों के साथ और 84 देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकार्ड भी अपने नाम किया इस रिकॉर्ड को आयुष मंत्री श्री पद नाइक ने स्वयं ग्रहण किया|
पहली बार योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी| 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 देशों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया| संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी भी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है| भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गणमान्य लोगों सहित करीब 36000 लोगों ने 21 जून 2015 को नई दिल्ली में पहले अंतरराष्ट्रीय दिवस के लिए 35 मिनट तक योगासन( योग मुद्राओं) का प्रदर्शन किया योग दिवस दुनिया भर में मनाया गया|
राजपथ पर हुए समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड की स्थापना के सबसे बड़ी योग क्लास 35985 लोगों के साथ और 84 देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकार्ड भी अपने नाम किया इस रिकॉर्ड को आयुष मंत्री श्री पद नाइक ने स्वयं ग्रहण किया|
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यूँ ?
World yoga day 2020 |
21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है| यह मनुष्य के दीर्घ जीवन को दर्शाता है 21 जून के दिन सूरज जल्दी उदय होता है और देरी से डालता है माना जाता है कि इस दिन सूर्य का तेज से प्रभावी रहता है और प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है|
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून पौराणिक कथा-
कथाओं के अनुसार योग का पहला प्रसार शिव द्वारा उसके सात शिष्यों के बीच किया कहते हैं कि इस सप्तऋषियों को ग्रीष्म संस्कृति के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा के दिन योग की दीक्षा दी गई थी शिव के अवतरण के तौर पर भी मनाते हैं इसे दक्षिणायन के नाम से भी जाना जाता है|
योग भारत के प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है मनुष्य प्रकृति के बीच सामंजस्य विचार संयम और पुत्र प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करता है|
योग का हमारे जीवन में महत्व:-
योग का विज्ञान स्वस्थ तन स्वस्थ मन और आठ बोर्ड को उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण विज्ञान लेकिन बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि शारीरिक फिटनेस के लिए योग एक फिजिकल एक्सरसाइज बनकर रह गया है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सारी दुनिया को यह संदेश देने की जरूरत है कि योग विज्ञान के मर्म को आत्मसात किया जाए योग मनुष्य के सर्वांगीण स्वास्थ्य के साथ-साथ आत्मसाक्षात्कार का विज्ञान उपलब्ध कराते हैं|महर्षि पतंजलि ने योग के आठ महत्वपूर्ण अंग बताएं है, जिन्हें अष्टांग के नाम से जाना जाता है इन्हें, यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाज के रूप में जाना जाता है इन 8 अंगों में आसन और प्राणायाम शरीर और प्राण के तल पर परम स्वास्थ्य उपलब्ध कराने कि किमियां प्रदान करते हैं| धारणा, ध्यान और समाधि अंतरात्मा की साधना के रूप में आत्मसाक्षात्कार की कीमियां उपलब्ध कराते हैं| आसन और प्राणायाम के साथ-साथ ध्यान का निरंतर अभ्यास करना चाहिए उसके बिना समाधि की अवस्था को प्राप्त नहीं किया जा सकता है और समाधि की अवस्था को प्राप्त करने का अर्थ है जीवन में परम शांति परम आनंद की अवस्था को प्राप्त करना यही मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य है|
World yoga day 2020 |
आज 21वी सदी में मनुष्य के जीवन की रफ्तार बहुत तेज हो गई है |आज 24 घंटे की जिंदगी में व्यक्ति निरंतर दैनिक कार्यों में इस तरह उलझा रहता है कि सामान्य जीवन जीना उसके लिए दुर्लभ हो गया है |इन परिस्थितियों में व्यक्ति को स्वस्थ शरीर और तनावमुक्त आनंदमय जीवन जीने के लिए योग ही एक मात्र सर्वाधिक शक्तिशाली विकल्प है जहां योग तनावमुक्त आनंद में जीवन जीने का सशक्त माध्यम है वही परम आनंद की अवस्था को भी प्राप्त कर सकता है| महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग के अनुक्रम में योग को जीवनशैली का हिस्सा बना रहने वाले व्यक्ति के लिए यह जीवन खेल बन जाता है|
यदि हम निरंतर आसन प्राणायाम के साथ-साथ ध्यान की गहराई में उतरने का अभ्यास करते हैं तो हमारे भीतर आंतरिक रासायनिक परिवर्तन होने शुरू हो जाते हैं ऐसे परिवर्तन जिन्हें लाने के लिए हमें कोई साधना नहीं करनी पड़ती है ये रूपांतरण स्वाभाविक रूप से स्वत: होने लगते हैं इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद व्यक्ति को पता चल जाता है कि मैं कौन हूं? यही सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है जीवन का इसका उत्तर मिल जाए तो कुछ पाने को शेष रह नहीं जाता इसके लिए हमें योग के मार्ग को अपनाना होगा|
योग के लाभ:-
प्रत्येक व्यक्ति को योग के महत्त्व को समझना जरूरी है। योग द्वारा आंतरिक और बाहरी शक्ति मिलती है जो आज से समय की मांग है। योग नकारात्मक विचारों से छुटकारा दिलाता है। यह तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में मदद करता है और आपको आराम देता है। योग शरीर को रोगमुक्त बनता है।मन को शांत रखता है, जिससे चिंता, तनाव और अवसाद से मुक्ति मिलती है।
World yoga day 2020 |
- शरीर लचीला रहता है।
- अस्थमा, मधुमय, रक्तचाप, गठिया आदि में लाभ मिलता है।
- पाचन शक्ति मजबूत होती है।
- मांसपेशियों की ताकत बढ़ता है।
- स्मरण शक्ति में सुधार होता है।
- शरीर को ऊर्जावान बनाता है।
- योग आत्मविश्वास का निर्माण करता है।
- यह मोटापे को कम करता है।
- शरीर के आसन और एलाइनमेंट को ठीक करता है।
- आंतरिक अंग मजबूत करता है।
- दिल संबंधी समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है।
- त्वचा में चमक और चहरे पर तेज़ लाता है।
- शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाता है।
- एकाग्रता बढ़ाता है।
• अगर नियमित योग अभ्यास किया जाए तो सभी स्वास्थ्य चुनौतियाँ इसके माध्यम से पार लगायी जा सकती हैं।
• योग से मानसिक शांति के साथ शांतिपूर्ण वातावरण का भी निर्माण किया जा सकता है, जो वर्तमान विश्व की माँग भी है। दरअसल आज मानसिक अशांति के चलते व्यक्तिगत व सामूहिक संघर्ष बढ़े हैं।
• हमारी बदलती जीवन शैली के लिए भी योग करना अनिवार्य हो जाता है।
• यह हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद कर सकता है।
• योग से शरीर में लचीलापन और मांसपेशियों में ताकत आती है, साथ ही संतुलित रक्तचाप भी बना रहता है।
• इसकी महत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यूनेस्को द्वारा 2016 में योग को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में अंकित किया जा चुका है।
भारत के लिए योग का महत्त्व
• एसोचैम के अध्ययन के मुताबिक केवल भारत में ही करीब तीन लाख एवं विश्व में करीब 5 लाख योग प्रशिक्षकों की कमी है।
• अध्ययन के अनुसार योग प्रशिक्षकों की सबसे अधिक माँग दक्षिण-पूर्व एशिया में है। रोजगार की इन संभावनाओ का लाभ भारत उठा सकता है।
• सॉफ्ट पावर (परोक्ष रूप से सांस्कृतिक अथवा वैचारिक साधनों के माध्यम से किसी अन्य देश के व्यवहार अथवा हितों को प्रभावित करना) के लिहाज से भी भारत के लिए योग का महत्त्व बढ़ जाता है। ज्ञातव्य है कि भारत हमेशा से ही सॉफ्ट पावर पावर नीति का समर्थक रहा है एवं भारत योग गुरू की भूमिका निभा सकता है।
• इसके अतिरिक्त भारत योग के जरिये विश्व में सांस्कृतिक बढ़त बना सकता है। उदाहरण के तौर पर जैसे चीन जहाँ 3000 से ज्यादा योग शिक्षक हैं, वैसे विश्व के अन्य देशों में इसका प्रचार-प्रसार कर अपनी संस्कृति की महानता से विश्व को परिचित करा कर उसे अपने पक्ष में कर सकता है।
• भारत योग के माध्यम से मेडिकल टूरिज्म को प्रमोट करने के साथ ही रोग को भी कम कर सकता है। आज भारत में आए दिन नई-नई बीमारियाँ जन्म ले रही हैं उदाहरण कोविड19, ऐसे में अगर योग को बढ़ावा दिया जाएगा तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक सुधार किया जा सकेगा।
• इस प्रकार योग अपनाने से लोगों की आय का एक बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च होने से बचेगा जिसका प्रयोग अन्य क्षेत्रें में किया जा सकेगा। साथ ही सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो धन व्यय करती है वह भी बचेगा। अतः योग भारत के लिए अवसरों की खुली खिड़की साबित हो सकती है।
सरकारी प्रयास
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकार द्वारा योग को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को निम्न बिन्दुओं के अन्तर्गत समझा जा सकता है-
• राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में अच्छी सेहत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्कूलों और कार्यस्थलों में योग अभ्यास को शामिल किया है।
• स्कूली पाठ्यक्रम में बढ़ावा देने के मकसद से राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने अपने 15 शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों के जरिये योग शिक्षा को जरूरी बना दिया है।
• आयुष मंत्रालय ने योग प्रशिक्षकों के सर्टिफिकेशन और योग संस्थानों व कार्मिक प्रमाणीकरण ईकाई को मान्यता देने के लिए योग प्रमाणीकरण बोर्ड का गठन किया है।
• UGC ने 6 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में योग विभाग का गठन किया है और एक विशेषज्ञ समिति बनाकर बीएससी, एमएससी और पीएचडी कार्यक्रमों के लिए मानक पाठ्यक्रम तैयार किया है।
• विदेश मंत्रालय भारतीय दूतावासों में भी योग शिक्षकों की नियुक्ति करता है ताकि स्थानीय छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को प्रशिक्षण मिल सके।
• आईसीसीआर ने भारत-चीन योग कॉलेज नाम से एक योग कॉलेज स्थापित करने के लिए चीन के ‘युत्र मिन्जु’ विश्वविद्यालय के साथ समझौता किया है।
• सरकार ने योग को प्रसारित करने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन की शुरूआत की है।
• सरकार ने मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय केन्द्रीय सैन्य बल को योग प्रशिक्षण देने की भी शुरूआत की है। उल्लेखनीय है कि इन संस्थानों द्वारा अभी तक 1,385 योग शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
• हाल ही में सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री पुरस्कार की शुरूआत की है जिसके तहत योग के क्षेत्र में दो राष्ट्रीय, दो अंतर्राष्ट्रीय समेत 4 पुरस्कारों का ऐलान किया गया है।
• गौरतलब है कि योग को बच्चों तक पहुँचाने के लिए एनसीईआरटी ने कुछ समय पूर्व योग ओलंपियाड की पहल की है।
चुनौतियाँ
सरकार योग को अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने के प्रयासों में निम्न चुनौतियाँ मौजूद हैं -
• भारत में योग को लेकर व्यापक जन जागरूकता की कमी है।
• विभिन्न धर्मों में योग को लेकर विभिन्न मत हैं। कुछ धर्म इसको हिन्दू धर्म से जोड़कर देखते हैं। उदाहरण के तौर पर मुस्लमानों द्वारा ‘सूर'।
Admin Thanks:- प्रिय आगंतुक!
मुझे आशा है की इस पेज में प्रस्तुत विश्व योग दिवस का लेख आपको बहुत ज्ञानवर्धन लगा हों |
सदा ही हमारी टीम आपके पसंदीदा content को प्रस्तुत करने के लिए उत्साहित रहती है |
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