मशहूर शायर राहत इंदौरी जी- biography of dr. rahat indori
biography of dr rahat indori |
सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे,
जगा दिया तेरी पाज़ेब ने खनक के मुझे।
कोई बताये के मैं इसका क्या इलाज करूँ,
परेशां करता है ये दिल धड़क धड़क के मुझे।
ताल्लुकात में कैसे दरार पड़ती है,
दिखा दिया किसी कमज़र्फ ने छलक के मुझे।
हमें खुद अपने सितारे तलाशने होंगे,
ये एक जुगनू ने समझा दिया चमक के मुझे।
बहुत सी नज़रें हमारी तरफ हैं महफ़िल में,
इशारा कर दिया उसने ज़रा सरक के मुझे।
मैं देर रात गए जब भी घर पहुँचता हूँ,
वो देखती है बहुत छान के फटक के मुझे।
जन्म - 1 जनवरी 1950 इंदौर ( मध्य प्रदेश)
व्यवसाय - उर्दू शायर, गीतकार
शिक्षा - स्नातकोत्तर, पीएचडी
नागरिकता - भारतीय
विधा - गजल, नज्म, गीत
जीवनसाथी - सीमा
निधन - 11 अगस्त 2020 इंदौर (कोविड-19)
परिचय :-
दुनिया के सबसे मशहूर शायर राहत इंदौरी जी का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर (मध्य प्रदेश) के साधारण मुस्लिम परिवार में हुआ| राहत जी अपने माता-पिता के चौथी संतान थे|राहत जी के पिता एक कपड़ा मिल में कर्मचारी थे जिनका नाम रिफ़अत रफतुल्लाह कुरैशी था।माता ग्रहणी जिनका नाम मकबूल अन निशा बेगम था। पत्नी सीमा राहत से विवाह ( 27 मई 1976) हुआ। राहत जी के तीन बच्चे थे जिनमें से दो लड़के और एक लड़की।
शिक्षा :-
राहत की स्कूली शिक्षा इंदौर के ही नूतन स्कूल इंदौर से हुई। न सिर्फ पढ़ाई में अव्वल रहने वाले राहत अपने स्कूल में हॉकी के कैप्टन भी थे| इनकी प्रतिभा का यही सिलसिला आगे भी जारी रहा।इंदौर का एक कॉलेज इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से इन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।
इन्होंने 1975 में मध्यप्रदेश के भोपाल के बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी से m.a. किया। मध्य प्रदेश भोज यूनिवर्सिटी ने "पीएचडी"की उपाधि दी। डॉ राहत इंदौरी ने अपनी 19 साल की उम्र में अपना पहला मुशायरा पढा।
राहत जी के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी इसी वजह से उन्होंने 10 साल की कम उम्र से ही शहर में एक साइन चित्रकारी का काम करना शुरू किया क्योंकि चित्रकारी इनकी रुचियों में से एक थी इसलिए उन्होंने बहुत ही कम उम्र में बहुत ज्यादा नाम अर्जित कर लिया | एक समय था जब अपने शहर के व्यस्ततम साइन बोर्ड चित्रकारों में से एक थे ग्राहकों को कई-कई महीने तक इनके बनाए हुए साइन बोर्डों का इंतजार करना पड़ता था |
इतने संघर्षों के बाद भी अपने पढ़ाई को जारी रखी। इन्होंने इंदौर के इंद्रकमार कॉलेज में उर्दू साहित्य पढ़ाना शुरू कर दिया। एक अच्छा वक्ता होने के कारण कॉलेज के सभी बच्चों के पसंदीदा टीचर बन गए।
मुशायरो में लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी राहत जी को मुशायरा में पढ़ने के लिए बुलाया जाने लगा| देश विदेशों में उन्होंने अपनी ख्याति अर्जित की|
राहत जी की फिल्मी दुनिया :-
राहत जी ने हिंदी फिल्मों में भी कई हिट गाने लिखे हैं मुन्ना भाई MBBS का एम बोले तो गाना राहत इंदौरी जी ने ही लिखा है |
प्रसिद्ध फिल्मी गीत:-
- खत लिखना हमें खत लिखना ( फिल्म-खूंखार )- एम बोले तो मैं मास्टर ( फिल्म- मुन्ना भाई एमबीबीएस)
- धुआँ-धुआँ ( फिल्म- मिशन कश्मीर)
- रिश्ता क्या कहलाता है ( फिल्म- मीनाक्षी)
- नींद चुराई मेरी ( फिल्म -इश्क)
- दिल को हजार बार रोका
प्रसिद्ध गजल:-
अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी हैयह सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है
लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में
मां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है
मैं जानता हूं कि दुश्मन भी कम नहीं है लेकिन
हमारी तरहा हथेली में जान थोड़ी है
हमारे मुंह से जो निकले वही सदाकत है
हमारे मुंह में तुम्हारी जुबान थोड़ी है
सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है
अंतिम समय ( 11 अगस्त 2020 )
मशहूर शायर राहत इंदौरी का 11 अगस्त 2020 को दिल का दौरा पड़ने से इंतकाल हो गया उन्होंने ट्वीट करके कोरोनावायरस होने की जानकारी दी थी राहत जी अपने बेबाक अंदाज और बेहतरीन शायरी के लिए जाने जाते रहे हैं।एक ही शेर उड़ा देगा परखच्चे तेरे,
तू समझता है यह शायर है कर क्या लेगा।
मैं मर जाऊं तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना,
लहू से मेरी परेशानी पे हिंदुस्तान लिख देना।
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