गन्दी राजनीति पर कविता - gandi rajniti par Kavita

गन्दी राजनीति पर कविता - gandi rajniti par Kavita 

यहां प्रस्तुत कविता दुनिया भर के तमाम राजनीतिक दलों के क्रूर नीतियों पर प्रकाश डालने का काम कर रही। जहा राजनीतिज्ञ जनता के हित - अनहित पर विचार किए बिना अपनी - अपनी रोटियां सेंक रहे है।
Gandi rajniti par Kavita
गन्दी राजनीति पर कविता



गन्दी राजनीति पर कविता -

बेरोजगारी के बाजार का मुनाफा बढ़ता जा रहा है,
बेबसी के दलदल में हर गरीब फसता जा रहा है।

जनप्रतिनिधियों के नए-नए शौक निखर कर आ रहे है,
गरीबों के हक को सरकारी अफसर खाते जा रहे है ।

बेचारा बन के रह गया जो वो इस देश का गरीब है,
नौकरी में वही है जो किसी अफ़सर या नेता के करीब है।

योजनाओं के नाम पर बुना मायाजाल है,
मुफ्त की रोटी तोड़ नेताओं का बोलबाला है।

मुद्दों की बात दूर है बेबसी का आलम सरेआम है,
धर्म के नाम पर शोर सुबह - शाम है।

खास लोगो की पकड़ है हर क्षेत्र में,
तड़पता भूख से हर एक आम इंसान है ।

नेता गिरी के चक्कर मे सरकार का,
रुपये से भी ज्यादा गिर गया ईमान है।

भ्रष्टाचार है हर जगह बड़ी बड़ी बातों का ताम-झाम है,
गिरती अर्थव्यवस्था की वही सुबह वही शाम है।

Admin thanks-  दोस्तों बहुत- बहुत धन्यवाद आपका की आप हमारे इस पेज पर अपना बहुमूल्य समय दिए। मुझे आशा हि आपको यह कविता - गन्दी राजनीति पर कविता बहुत पसंद आईं हो।

हमारे मनोबल को बढ़ाने के लिए मै आपसे गुजारिश करता हूं कि अपने दोस्तो तथा परिवारजनों को यह कविता जरूर शेयर करे।

THE SORK GROUP की अन्य रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

यह भी पढ़े-






Post a Comment

Thanks for comments!
मै समझता हूं आपने हमारे वेबसाईट के अवलोकन में महत्वपर्ण समय देकर हमारे THE SORK परिवार का मनोबल बढ़ाया है।

आपकी बहुमूल्य टिप्पणी टीम रिव्यू के बाद बहुत जल्द पब्लिश कर दी जायेगी।
THE SORK ब्लॉग में टिपपणीकर्ताओं को लेकर एक TELEGRAM में THE SORK GROUP बनाया गया है आप उसे जरूर ज्वॉइन करें।
इस लिंक पर क्लिक करके ग्रुुप में शामिल हों-
https://t.me/the_sork_group

Thanks and regards
The sork team

और नया पुराने