व्यावसायिक जोखिम का प्रबंधन कैसे करें- vyavsayik jokhim ka prabandhan kaise kare

व्यावसायिक जोखिम का प्रबंधन कैसे करें

जोखिम प्रबंधन एक उद्यमी के रूप में आपको अपनी कंपनी की स्थापना करने से पहले उसके साथ जुड़े जोखिमों को मूल्यांकन करना चाहिए।

एक बार आप अपने संभावित खतरों की पहचान कर ली तो उन्हें कम करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। जोखिम प्रबंधन करने के कुछ तरीके यह हैं:

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Risk management


व्यावसायिक जोखिम की रोकथाम कैसे करें


1) इसी तरह के व्यापार का शोध कीजिए और उनके जोखिम कैसे कम किए गए थे के बारे में पता लगाएं।


2) वर्तमान बाजार के रुझान का मूल्यांकन करें और पता लगाएं कि क्या इसी तरह उसके उत्पाद या सेवाएं जिन्हें कुछ समय पहले शुरू किया गया था कि उनकी अभी भी लोगों में मांग है।


3) इसके बारे में पता लगाएं कि क्या आपके पास वास्तव में अपने उत्पाद या सेवा शुरू करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता है।


4) अपनी वित्त की जांच करें और देखें कि क्या अपना उद्यम शुरू करने के लिए आपके पास पर्याप्त पूंजी है।


5) अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति के बारे में पता लगाएं, यहां अर्थव्यवस्था समय के साथ कैसे बदल सकती है और आपका उद्यम परिवर्तनों से कैसे प्रभावित होगा।


6)  इसके बारे में सोचें एक एक विस्तृत व्यापार योजना बनाएं।


7)  सुनिश्चित करें कि सभी महत्वपूर्ण तत्व योजना में शामिल किए गए हैं।


8) संख्या को अच्छी तरह से जांचना।


9) संक्षिप्त और यथार्थवादी।


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10) अपने दृष्टिकोण और अपने अनुमानों में रूढ़िवादी होना।


11) चार्ट लेखांकन और छवियों इत्यादि का आवश्यकतानुसार प्रयोग करें।


12)  एक वित्तीय योजना बनाएं इनमें लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने लक्ष्य रणनीतियां और समय सीमा को शामिल करना चाहिए।


13) अपने सभी महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेजों को व्यवस्थित करें। अपनी निवेश का विवरण, बैंक विवरण, टैक्सेस, कागजात, क्रेडिट कार्ड के बिल, बीमा के कागजात और अन्य वित्तीय रिकॉर्ड रखने के लिए एक फाइल बनाए रखें।


14) अपने निवल मूल्य की गणना करें। इसका मतलब आप जिन के मालिक हैं जैसे अपने घर, बैंक खाता, निवेशक संपत्ति, उनमें से देनदारियां घटाएं जैसे ऋण, क्रेडिट कार्ड आदि की लंबित राशि जैसे देनदारियों और उसके बाद आपके पास जो राशि बच जाती है उसे निवल मूल्य कहा जाता है।


15) खर्च करने की योजना बनाएं इसका मतलब है कि पैसे कहां से आते हैं और कहां जाते हैं उन्हें विस्तार से लिखना।


16) एक आपातकालीन निधि का निर्माण करें एक अच्छी आपातकालीन निधि में कम से कम 6 महीने का खर्च कभर करने के लिए पर्याप्त पैसा होता है।


17) अपना बीमा निकाले। बीमा लंबी अवधि के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है और जोखिम के खिलाफ रक्षा करता है।


18) व्यापार में सफलता महत्व पूर्ण है दिखावा नहीं अर्थात आधुनिकता के जुनून से बचें।


19) अपने कुशल विचार के प्रति ईमानदार रहें।


20) याद रखे कि अवसर स्थिति के अनुसार होते है इसलिए उनकी पहचान करना सीखें।


Admin thanks दोस्तों बहुत- बहुत धन्यवाद आपका की आप हमारे इस पेज पर अपना बहुमूल्य समय दिए। मुझे आशा हि आपको यह लेख - "व्यावसायिक जोखिम का प्रबंधन कैसे करें- vyavsayik jokhim ka prabandhan kaise kare" बहुत उपयोगी साबित हुआ हो।


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2 टिप्पणियाँ

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