Corona virus symptoms and precaution- कोरोना वायरस के लक्षण तथा सावधानी

Corona virus symptoms and precaution in Hindi:

कोरोना वायरस के प्रारंभिक लक्षण क्या हैं और बचाव कैसे करें जानिए वायरोलॉजिस्ट डॉ. नूतन शुक्ला जी से।
सर्यदीप पा.
न्यूज़ एडिटर
11 मई 2021

बातें कोरोना वायरस की- 

कोरोना वायरस के मुख्यतया तीन लक्षण हैं। यदि इनमें से एक भी लक्षण आपमें दिखता है तो आपको कोविड टेस्ट करा लेना चाहिए।


1. लगातार खांसी आना:

इस कारण लगातार खांसी हो सकती है अर्थात आपको 1 घंटे या फिर उससे अधिक समय तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के अंदर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते है। लेकिन अगर आपको खांसी में बलग़म आता है तो ये भी चिंता का विषय हो सकता है।


2. बुखार का होना:

इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडक महसूस हो सकती है।


3. गंध और स्वाद का पहचान ना होना:

विशेषज्ञों का कहना है कि बुख़ार और खांसी के अलावा यह भी वायरस संक्रमण का वह संभावित महत्वपूर्ण लक्षण हैं जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के मुताबिक 84% कोरोना वायरस के मरीजों में इनमें से कम से कम एक लक्षण देखा जाता है।

ONS के एक हालिया सर्वे के मुताबिक, नए वेरिएंट से संक्रमित लोगों में पुराने वेरिएंट की तुलना से खांसी, गले में खराश, थकान और मांसपेशियों में दर्द होने की संभावना ज्यादा है।


कोरोना वायरस संक्रमण:

ऐसे में आप जिन लोगों के साथ रहते हैं यदि उनमें किसी में ये लक्षण हों तो तुरंत टेस्ट कराना चाहिए। साथ ही घर में ही खुद को सेल्फ आइसोलेट करना चाहिए। जिससे यह संक्रमण दूसरों तक ना पहुंचे।

अमरीकी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक ठंड लगना, कंपकंपी महसूस होना, मासंपेशियों में तीव्र दर्द और गले में भारी पन या खराश होना कोरोना वायरस की चपेट में आने के संकेत हो सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक कोरोना वायरस के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन 5 दिन का समय लग सकता है परन्तु कुछ लोगों में ये समय कम हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने तथा लक्षण दिखने के बीच 14 दिन तक का समय हो सकता है।

यदि आपके कोविड टेस्ट का नतीजा पॉजिटिव आता है तो आपके पूरे घर को सेल्फ आइसोलेशन में रहना जारी रखना होगा।

40 लाख लोगों के डाटा को देखने वाले वैज्ञानिक कहते हैं कि कोविड के 6 प्रकार हो सकते हैं।जिनमें लक्षण कुछ ऐसे होते हैं:


० सीने में दर्द का होना:

कोविड -19 का दिल पर बुरा असर डाल सकता है। अगर सीने में जकड़न हुई तो हो सकता है आप कोरोना की गिरफ्त में आए हो।


० थकान का होना:

वास्तव में कोविड-19 पूरी तरह से थका सकता है। इसलिए यदि नींद लेने के बाद भी थका हुआ महसूस करते हैं तो यह वायरस के संक्रमण का संकेत देता है।  इसलिए कोविड के इस लक्षण को लेकर लापरवाही नहीं बरतें।


० ठंड जैसे लगना:

सर्दियों में ठंड लगना असामान्य है। लेकिन अगर आपको इस गर्मी भरे मौसम में भी यह लक्षण महसूस हुआ, तो संभव है कोरोना हो चुका हो। ये जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि कोविड लगभग दो सप्ताह या इससे ज्यादा समय तक रहता है। जबकि अगर आपको केवल ठंड बस लगी हो तब आमतौर पर यह एक या दो दिन में ठीक हो जाती है।


० शरीर का  तापमान अधिक होना:

केवल बुखार आना कोविड-19 का प्रमुख संकेत नहीं है। बल्कि जो व्यक्ति संक्रमण के साथ बुखार से पीड़ित है या जिसके शरीर का तापमान 99-104f है तो मान लीजिए की वह कोरोना संक्रमित हो चुका है।


० गंध महसूस नही होना:

यदि कभी मुंह का स्वाद बदल गया हो या अचानक से खाद्य अथवा पेय पदार्थों की सुगंध आना बंद हो गई हो तो इसका सीधा सा मतलब है कि वायरस से संक्रमित हो चुके थे। कोरोना पॉजिटिव आने वाले 75 प्रतिशत लोगों में यह समस्या देखी गई है। यदि किसी के साथ ऐसा हुआ हो, तो समझ लीजिए कि कोरोना तो हुआ है।


० सांस लेने में कठिनाई होना:

यदि कभी भी किसी भी पल सांस लेने में कठिनाई आई हो, तो इसका मतलब है कि कोविड की गिरफ्त में हो सकते हैं। सांस से जुड़ी हर तकलीफ वायरल संक्रमण से जुड़ी सामान्य जटिलता है।


अगर मुझे कोविड है तो क्या करना चाहिए?

अगर आपका टेस्ट पॉज़िटिव आता है तो आपको लक्षण शुरू होने के समय से कम से कम 10 दिन के लिए स्वयं को घर में सेल्फ-आइसोलेट कर लेना चाहिए।

• आपको अपने घर के दूसरे सदस्यों से दूर रहना चाहिए।

• घर के दूसरे लोगों को भी न्यूनतम 10 दिनो के लिए स्वयं को सेल्फ-आइसोलेट कर लेना चाहिए।

• कुछ लोगों में  हल्के लक्षण होंगे जिन्हें पेरासिटामोल जैसी दर्द निवारक, आराम करके और बहुत सारा तरल प्रदार्थ लेकर प्राथमिक उपचार लिया जा सकता है।

• आपको बेवजह फार्मेसी या हॉस्पिटल नहीं जाना चाहिए।

कब होती है अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत?

• अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए। मरीज के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि संक्रमण कितना बढ़ा है और क्या मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत है।

• लेकिन इसमें मरीज को अस्पताल के आपात विभाग यानी ऐक्सीडंट एंड इमर्जेंसी में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है।


यदि किसी व्यक्ति को कोविड-19 के प्रारंभिक लक्षण नजर आते है तो उसे सेल्फ होम आइसोलेशन कि सलाह दे साथ ही वहां निम्न दवाओं को प्राथमिक उपचार के तौर पर ले सकते है:

Corona virus symptoms
Corona virus symptoms


भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर जानकारी दी गई है।

अगर मरीज को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है तो वो भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर+91-11-23978046 या फिर 24 घंटों चलने वाले टोल फ्री नंबर 1075 पर संपर्क कर सकते हैं। देश के विभिन्न राज्यों ने भी नागरिकों के लिए हेल्पलाइन शुरु किए हैं जहां जरूरत पड़ने पर कॉल किया जा सकता है।


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